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जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...

गाना / Song: Jab Mere Raste Mein Koi Maikada Pada...
चित्रपट/Movie/Album:
 Shohrat Vol-2 (1986)/ शोहरत वॉल्यूम-२ (१९८६)
संगीतकार / Music Composer: Anup Jalota (अनूप जलोटा)
गीतकार / Lyricist: Fana Nizami Kanpuri (फ़ना निज़ामी कानपुरी)
गायक / Singer(s): Anup Jalota (अनूप जलोटा)
Music Label: Universal Music India Pvt. Ltd.

जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा
इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़ा...

तर्क-ए-तअल्लुक़ात को, इक लम्हा चाहिए
तर्क-ए-तअल्लुक़ात को, इक लम्हा चाहिए
लेकिन तमाम उम्र मुझे, सोचना पड़ा
इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़ा
जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...

इक तिश्ना-लब ने छीन लिया, बढ़ के जाम-ए-मय
इक तिश्ना-लब ने छीन लिया, बढ़ के जाम-ए-मय
साक़ी समझ रहा था सभी, को गिरा-पड़ा
साक़ी समझ रहा था सभी, को गिरा-पड़ा
इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़ा
जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...

आए थे पूछते हुए, मयख़ाने का पता
आए थे पूछते हुए, मयख़ाने का पता
साक़ी से लेकिन, अपना पता पूछना पड़ा
इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़ा
जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...

यूँ जगमगा रहा है मिरा, नक़्श-ए-पा 'फ़ना'
यूँ जगमगा रहा है मिरा, नक़्श-ए-पा 'फ़ना'
जैसे हो रास्ते में कोई, आइना पड़ा
इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़ा
जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...

इक बार अपने ग़म की तरफ़, देखना पड़
ा जब मेरे रास्ते में कोई, मय-कदा पड़ा...
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