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खुबसूरत हैं आँखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे...

गज़ल/Ghazal: khoobsurat Hai Aankhen Teri Raat Ko Jagna Chhod De...
चित्रपट / Movie/Album: Shahkaar (1997)
संगीतकार / Music Director: Jagjit Singh (जगजीत सिंह)
गीतकार / Lyricist: Hasan Kazmi (हसन काज़मी)
गायक / Singer(s): Talat Aziz (तलत अज़ीज़)
Music Label: Venus Music








चाँद चेहरा हिजाब आँखे है, कितनी वो लाजवाब आँखे हैं।
हर अदा उनकी है हसीं लेकिन, जानलेवा जनाब आँखे हैं।
खुबसूरत हैं आँखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे,
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे।
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...

तेरी आँखों से कलियाँ खिलीं, तेरे आँचल से बादल उड़ें - 2
देख ले जो तेरी चाल को, मोर भी नाचना छोड़ दे। - 2
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...

तेरी अंगड़ाईयों से मिलीं, जहन-ओ-दिल को नई, रोशनी -
तेरे जलवों से मेरी नज़र, किस तरह, खेलना छोड़ दे? -
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...

तेरी आँखों से छलकी हुई, जो भी एक बार पी ले अगर -
फिर वो मैखार ऐ साकिया, जाम हीं, माँगना छोड़ दे। -
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...

काँच के ख्वाब थे खो गये, पत्थरों के नगर में कहीं,
सोच ले मैं मिला ही नहीं, तू मुझे ढूँढना छोड़ दे..
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...

खुबसूरत हैं आँखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे,
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे।
खुबसूरत हैं आँखें तेरी...
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