खुदा हमको ऐसी खुदाई न दे...
चित्रपट / Movie/Album: Hope (1991)
संगीतकार / Music Director: Jagjit Singh (जगजीत सिंह), Mohammed Vakil (मोहम्मद वकिल)
गीतकार / Lyricist: Bashir Badr (बशीर बद्र)
गायक / Singer: Jagjit Singh (जगजीत सिंह), Chitra Singh (चित्रा सिंह), Mohammed Vakil (मोहम्मद वकिल)
Music Label: Saregama Music
खुदा हमको ऐसी खुदाई न दे,
की अपने सिवा कुछ दिखाई न दे।
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे,
अब इतनी भी ज़्यादा सफ़ाई न दे।
हँसो आज इतना कि इस शोर में,
सदा सिसकियों की सुनाई न दे।
अभी तो बदन में लहू है बहुत,
कलम छीन ले रौशनाई न दे।
मुझे अपनी चादर से यूँ ढाँप लो,
ज़मीं आसमाँ कुछ दिखाई न दे।
ग़ुलामी को बरकत समझने लगें,
असीरों को ऐसी रिहाई न दे।
मुझे ऐसी जन्नत नहीं चाहिए,
जहां से मदीना दिखाई न दे।
मैं अश्कों से नाम-ए-मुहम्मद लिखूँ,
क़लम छीन ले रौशनाई न दे।
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है,
रहे सामने और दिखाई न दे।
शब्दार्थ:
असीरों - बंदी
इरफ़ान - एहसास