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ग़म में उल्झी जिंदगी की, बात है कुछ और है...

Ghazal: Gham Main Uljhi Zindagi Ki, Baat Hi Kuch Aur Hai...
चित्रपट / Movie/Album: -
संगीतकार / Music Director: चन्दन दास (Chandan Dass)
गीतकार / Lyricist: -
गायक / Singer(s): Chandan Dass
Music Label: -





ग़म में उल्झी जिंदगी की, बात है कुछ  और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...

यूँ तो मयकश झूमते है, पीके सागर से मगर
उस नज़र से मयकशी की, बात ही कुछ और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...

आप की मर्ज़ी हैं, चाहें, कीजिये, जितना सिंगार
हुस्न में एक सादगी की, बात ही कुछ और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...

यूँ किसी की ज़ुल्फ़ के, शाये का है अपना मज़ा
हाँ मगर आवारग़ी की, बात कुछ और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...

आपकी महफ़िल मैं, लाखों, चाँद, चेहरें है तो क्या
उनके रुख की चांदनी की, बात ही कुछ और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...

ग़म में उल्झी जिंदगी की, बात है कुछ  और है
दर्द-ए-दिल से आशिकी, बात ही कुछ और है
ग़म में उल्झी जिंदगी की...
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