कोई चाँद रख, मेरी शाम पर...
Song: Koi Chand Rakh Meri Shaam Par
Singer: Rahat Fateh Ali Khan (राहत फ़तेह अली खान)Song Lyricists: Sabir Zafar (साबिर ज़फ़र )
Music Composer: Shani Haider (शनि हैदर)
ख्वाहिश मेरी, आतिश बनी
क्या क्या मगर, साजिश बानी।
छीने कोइ सांसें मेरी, लूटे मेरा चैना
सुना लागे मनवा मेरा, बुझने लागे नैना
जैसे सितार तकदीर हरा, करता रहा इल्तिजा।
कोई चाँद रख, मेरी शाम पर,
मेरा दिल जले, तेरे नाम पर।
रूखे रूखे से लम्हें, आवारापन का सिला
सूखे सूखे से रिश्ते, भीगा, भीगा गिला।
शब-ओ-रोज़ का, मिलना था क्या ,
मुरझा के यूं, खिलना था क्या।
दिल था मेरा, टूटा हुवा
कहता था बुझता हुआ।
कोई चाँद रख, मेरी शाम पर,
मेरा दिल जले, तेरे नाम पर।
सूना सूना वो रास्ता, कब मेरी मंजिल हुआ
खोया खोया वो मिलना, कितना मुश्किल हुआ।
दो जिश्म थे, रूहें न थी,
मिलना अगर मुमकिन नही।
तू छोड़ दे, इस हाल पर,
सुन ले मगर ये दुआ।
कोई चाँद रख, मेरी शाम पर,
मेरा दिल जले, तेरे नाम पर।