अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है...
Song: Apni Tasveer Ko Aankhon Se Lagata Kya Hai
Performed By: Ghulam Ali, Jagjit Singh
Composed By: Ghulam Ali, Jagjit Singh
Lyrics By: Shehzad Ahmed
Performed By: Ghulam Ali, Jagjit Singh
Composed By: Ghulam Ali, Jagjit Singh
Lyrics By: Shehzad Ahmed
अपनी तस्वीर को, आँखों, से लगाता, क्या हैइक नज़र मेरी, तरफ़ भी, तिरा जाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...मेरी रुस्वाई में वो भी हैं बराबर के शरीकमेरे क़िस्से मिरे यारों को सुनाता क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...पास रह कर भी न, पहचान सका, तू मुझ कोदूर से, देख के, अब हाथ हिलाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...उम्र भर, अपने, गरेबाँ से, उलझने वालेतू मुझे, मेरे ही, साए से, डराता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ, मगर इतना तो बतादेख कर मुझ को, तिरे, ज़ेहन में, आता क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...ज़ेहन के पर्दों पे, मंज़िल के, हयूले न बनाग़ौर से देखता, जा राह में आता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...ज़ख़्म-ए-दिल जुर्म नहीं, तोड़ भी दे, मोहर-ए-सुकूतजो तुझे जानते हैं, उन से छुपाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...सफ़र-ए-शौक़ में क्यूँ, काँपते हैं, पाँव तेरेआँख रखता है तो, फिर आँख, चुराता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...चाँदनी देख के, चेहरे को छुपाने, वालेधूप में बैठ के, अब बाल, सुखाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...मर गए प्यास के, मारे तो उठा, अब्र-ए-करमबुझ गई बज़्म तो, अब शम्अ, जलाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...तेरा एहसास ज़रा सा तिरी हस्ती, पायाबतो समुंदर की तरह, शोर, मचाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...तुझ में कस-बल है तो, दुनिया को बहा कर, ले जाचाय की प्याली में, तूफ़ान, उठाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...तेरी आवाज़ का, जादू न चलेगा, उन परजागने वालों को, 'शहज़ाद' जगाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...अपनी तस्वीर को, आँखों, से लगाता, क्या हैइक नज़र मेरी, तरफ़ भी, तिरा जाता, क्या हैअपनी तस्वीर को आँखों...