गज़ल/Ghazal: Jo Shajar Sookh Gaya Hai wo Hara Kaise Ho...
चित्रपट / Movie/Album: Golden Moments by Parvez Mehdi
संगीतकार / Music Director: Parvez Mehdi (परवेज़ मेहदी)
गीतकार / Lyricist: Shehzad Ahmed (शहज़ाद अहमद)
गायक / Singer: Parvez Mehdi (परवेज़ मेहदी)
Music Label: His Master's Voice (HMV), Saregama
जो शजर सूख गया है वो हरा कैसे होमैं पयम्बर तो नहीं मेरा कहा कैसे होदिल के हर ज़र्रे पे है नक़्श मोहब्बत उस कीनूर आँखों का है आँखों से जुदा कैसे होजिस को जाना ही नहीं उस को ख़ुदा क्यूँ मानेंऔर जिसे जान चुके हैं वो ख़ुदा कैसे होउम्र सारी तो अँधेरे में नहीं कट सकतीहम अगर दिल न जलाएँ तो ज़िया कैसे होजिस से दो रोज़ भी खुल कर न मुलाक़ात हुईमुद्दतों बअ'द मिले भी तो गिला कैसे होदूर से देख के मैं ने उसे पहचान लियाउस ने इतना भी नहीं मुझ से कहा कैसे होवो भी इक दौर था जब मैं ने तुझे चाहा थादिल का दरवाज़ा है हर वक़्त खुला कैसे होजब कोई दाद-ए-वफ़ा चाहने वाला न रहाकौन इंसाफ़ करे हश्र बपा कैसे होआइने में भी नज़र आती है सूरत तेरीकोई मक़्सूद-ए-नज़र तेरे सिवा कैसे होकिन निगाहों से उसे देख रहा हूँ 'शहज़ाद'मुझ को मालूम नहीं उस को पता कैसे हो