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तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जायेगा...

गज़ल/Ghazal: Tu Nahin To Zindagi Mein Kya...
चित्रपट / Movie/Album: Arth (1982), अर्थ (१९८२)
संगीतकार / Music Director: Kuldeep Singh (कुलदीप सिंह)
गीतकार / Lyricist: Iftikhar Imam Siddiqui (इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी)
गायक / Singer: Chitra Singh (चित्रा सिंह)
Music Label: His Master's Voice (HMV), Saregama

तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जायेगा
दूर तक तन्हाईयों का सिलसिला रह जायेगा
तू नहीं तो ज़िन्दगी में...

दर्द की सारी तहें, और सारे गुज़रे हादसे
सब धुआँ हो जायेंगे, इक वाक़िया रह जायेगा
तू नहीं तो ज़िन्दगी में...

यूँ भी होगा वो मुझे, दिल से भुला देगा मगर
ये भी होगा खुद उसी में, इक ख़ला रह जायेगा
तू नहीं तो ज़िन्दगी में...

दायरे इन्कार के, इक़रार की सरगोशियाँ
ये अगर टूटे कभी तो, फ़ासला रह जायेगा
तू नहीं तो ज़िन्दगी में...

तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जायेगा
दूर तक तन्हाईयों का सिलसिला रह जायेगा
तू नहीं तो ज़िन्दगी में...