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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो...

गज़ल/Ghazal: Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho...
चित्रपट / Movie/Album: Arth (1982), अर्थ (१९८२)
संगीतकार / Music Director: Jagjit Singh (जगजीत सिंह)
गीतकार / Lyricist: कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi)
गायक / Singer: Jagjit Singh (जगजीत सिंह)
Music Label: His Master's Voice (HMV), Saregama

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो

आँखों में नमी, हँसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको...

बन जायेंगे ज़हर पीते पीते
ये अश्क जो पिए जा रहे हो
क्या गम है जिसको...

जिन ज़ख्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो
क्या गम है जिसको...

रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो
क्या गम है जिसको...

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
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