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Tuesday

वो मेरे पास है क्या पास बुलाऊँ उस को...

गज़ल/Ghazal: Wo Mere Paas Hai Kya Paas Bulao Usko...
चित्रपट / Movie/Album: Ghazals by Shehzad Ahmed
संगीतकार / Music Director: Unknown
गीतकार / Lyricist: Shehzad Ahmed (शहज़ाद अहमद)
गायक / Singer: Unknown
Music Label: Unknown


वो मेरे पास है क्या पास बुलाऊँ उस को 
दिल में रहता है कहाँ ढूँडने जाऊँ उस को 

आज फिर पहली मुलाक़ात से आग़ाज़ करूँ 
आज फिर दूर से ही देख के आऊँ उस को 

क़ैद कर लूँ उसे आँखों के निहाँ-ख़ाने में 
चाहता हूँ कि किसी से न मिलाऊँ उस को 

उसे दुनिया की निगाहों से करूँ मैं महफ़ूज़ 
वो वहाँ हो कि जहाँ देख न पाऊँ उस को 

चलना चाहे तो रखे पाँव मेरे सीने पर 
बैठना चाहे तो आँखों पे बिठाऊँ उस को 

वो मुझे इतना सुबुक इतना सुबुक लगता है 
कभी गिर जाए तो पलकों से उठाऊँ उस को 

मुझे मालूम है आख़िर को जुदा होना है 
लेकिन इक बार तो सीने से लगाऊँ उस को 

याद से उस की नहीं ख़ाली कोई भी लम्हा 
फिर भी डरता हूँ कहीं भूल न जाऊँ उस को 

मुझ पे ये राज़ इसी एक हवाले से खुला 
बात उस की है मगर कैसे बताऊँ उस को 

ये मेरे दिल मेरे दुश्मन मेरे दीवाना दिल 
चाहता है कि सभी ज़ख़्म दिखाऊँ उस को 

आज तो धूप में तेज़ी ही बहुत है वर्ना 
अपने साए से भी 'शहज़ाद' बचाऊँ उस को