गज़ल/Ghazal: Rukhsat Hua To Aankh Milakar Nahi Gaya...
चित्रपट / Movie/Album: Ghazals by Shehzad Ahmed
संगीतकार / Music Director: Unknown
गीतकार / Lyricist: Shehzad Ahmed (शहज़ाद अहमद)
गायक / Singer: Unknown
Music Label: Unknown
रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गयावो क्यूँ गया है ये भी बता कर नहीं गयावो यूँ गया कि बाद-ए-सबा याद आ गईएहसास तक भी हम को दिला कर नहीं गयायूँ लग रहा है जैसे अभी लौट आएगाजाते हुए चराग़ बुझा कर नहीं गयाबस इक लकीर खींच गया दरमियान मेंदीवार रास्ते में बना कर नहीं गयाशायद वो मिल ही जाए मगर जुस्तुजू है शर्तवो अपने नक़्श-ए-पा तो मिटा कर नहीं गयाघर में है आज तक वही ख़ुश्बू बसी हुईलगता है यूँ कि जैसे वो आ कर नहीं गयातब तक तो फूल जैसी ही ताज़ा थी उस की यादजब तक वो पत्तियों को जुदा कर नहीं गयारहने दिया न उस ने किसी काम का मुझेऔर ख़ाक में भी मुझ को मिला कर नहीं गयावैसी ही बे-तलब है अभी मेरी ज़िंदगीवो ख़ार-ओ-ख़स में आग लगा कर नहीं गया'शहज़ाद' ये गिला ही रहा उस की ज़ात सेजाते हुए वो कोई गिला कर नहीं गया