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बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी...


गज़ल/Ghazal: Bahut Khoobsurat Hain Aankhen Tumhari...
चित्रपट / Movie/Album: Vadh (2002)
संगीतकार / Music Director: Vishal Shekhar (विशाल-शेखर)
गीतकार / Lyricist: Nida Fazli (निदा फ़ाज़ली)
गायक / Singer: Jagjit Singh (जगजीत सिंह)
Music Label: Universal Music

बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी - 2
अगर हो इनायत, ऐ जान-ए-मोहब्बत
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी...

जो सबसे जुदा है, वो अंदाज़ हो तुम
छुपा था जो दिल में, वो ही राज़ हो तुम - 2
तुम्हारी नज़ाकत, बनी जबसे चाहत
सुकूँ बन गई है हर इक बेक़रारी
बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी...

न थे जब तलक तुम, हमारी नज़र में
न था चाँद शब में, न सूरज सहर में - 2
तुम्हारी इजाज़त, तुम्हारी हुकूमत
ये सारा गगन है, ये धरती है सारी
बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी...

बहुत ख़ूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
अगर हो इनायत, ऐ जान-ए-मोहब्बत
बना दीजिए इनको, किस्मत हमारी... 2
Meaning:

(शब = रात), (सहर = सुबह)
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