कभी तो आसमाँ से चांद उतरे जाम हो जाये...
गज़ल/Ghazal: Kabhi To Aasman Se Chand Utre...
चित्रपट / Movie/Album: Ghazal Usne Chhedi Vol. 2 (1985)
संगीतकार / Music Director: चन्दन दास (Chandan Dass)
गीतकार / Lyricist: Dr. Bashir Badr (बशीर बद्र)
गायक / Singer(s): Chandan Dass (चन्दन दास)
Music Label: Universal Music
कभी तो आसमाँ से चांद उतरे जाम हो जाये
तुम्हारे नाम की इक ख़ूबसूरत शाम हो जाये
हमारा दिल सवेरे का सुनहरा जाम हो जाये
चराग़ों की तरह आँखें जलें जब शाम हो जाये
अजब हालात थे यूँ दिल का सौदा हो गया आख़िर
मोहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाये
समंदर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दो हमको
हवाएँ तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाये
मैं ख़ुद भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ
कोई मासूम क्यों मेरे लिये बदनाम हो जाये
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा
परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाये
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये