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कहता हूँ महब्बत है ख़ुदा...

by 12:12 PM
कहता हूँ महब्बत है ख़ुदा सोच समझकर ये ज़ुर्म अगर है तो बता सोच समझकर कब की मुहब्बत ने ख़ता सोच समझकर कब दी ज़माने ने सज़ा सोच समझकर वो...Read More

नील गगन पर बैठ कब तक...

by 11:51 AM
नील गगन पर बैठ कब तक चाँद सितारों से झाँकोगे पर्वत की ऊँची चोटी से कब तक दुनिया को देखोगे आदर्शों के बन्द ग्रन्थों में कब तक आराम ...Read More

मन बैरागी, तन अनुरागी...

by 10:49 AM
मन बैरागी, तन अनुरागी, क़दम-क़दम दुश्वारी है जीवन जीना सहल न जानो, बहुत बड़ी फ़नकारी है औरों जैसे होकर भी हम बाइज़्ज़त हैं बस्ती में कुछ...Read More

गरज बरस प्यासी धर्ती पर...

by 4:52 PM
गरज बरस प्यासी धर्ती पर फिर पानी दे मौला चिड़ियों को दाना, बच्चों को गुड़धानी दे मौला दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है सोच समझवाल...Read More

तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे...

by 4:30 PM
तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगे तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं देर ...Read More

तुम ये कैसे जुदा हो गये...

by 4:21 PM
तुम ये कैसे जुदा हो गये हर तरफ़ हर जगह हो गये अपना चेहरा न बदला गया आईने से ख़फ़ा हो गये जाने वाले गये भी कहाँ चाँद सूरज घटा हो गये ...Read More

तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है...

by 4:11 PM
तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है मुझे तेरी दूरी का ग़म हो क्यों तू कहीं भी हो मेरे साथ है मेरे वास्ते तेरे नाम पर कोई हर्...Read More

दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती...

by 3:17 PM
दिल में ना हो ज़ुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती ख़ैरात में इतनी बङी दौलत नहीं मिलती कुछ लोग यूँही शहर में हमसे भी ख़फा हैं हर एक से अपनी भी ...Read More

नज्म बहुत आसान थी पहले...

by 5:24 PM
नज्म बहुत आसान थी पहले घर के आगे पीपल की शाखों से उछल के आते-जाते बच्चों के बस्तों से निकल के रंग बरंगी चिडयों के चेहकार में ढल के नज...Read More

नयी-नयी आँखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है...

by 5:22 PM
नयी-नयी आँखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है कुछ दिन शहर में घूमे लेकिन, अब घर अच्छा लगता है । मिलने-जुलनेवालों में तो सारे अपने जैसे हैं ...Read More

नयी-नयी पोशाक बदलकर...

by 5:11 PM
नयी-नयी पोशाक बदलकर, मौसम आते-जाते हैं, फूल कहॉ जाते हैं जब भी जाते हैं लौट आते हैं। शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो...Read More

नहीं यह भी नहीं...

by 5:06 PM
नहीं यह भी नहीं यह भी नहीं यह भी नहीं, वोह तो न जाने कौन थे यह सब के सब तो मेरे जैसे हैं सभी की धड़कनों में नन्हे नन्हे चांद रोशन हैं ...Read More

बेसन की सोंधी रोटी पर...

by 4:46 PM
बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासन चिमटा फुकनी जैसी माँ बाँस की खुर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरे आधी...Read More

मुँह की बात सुने हर कोई...

by 4:29 PM
मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन । सदियों-सदियों वही तमाशा रस्ता-रस्ता लम्ब...Read More

ये दिल कुटिया है संतों की...

by 4:21 PM
ये दिल कुटिया है संतों की यहाँ राजा भिकारी क्या वो हर दीदार में ज़रदार है गोटा किनारी क्या ये काटे से नहीं कटते ये बांटे से नहीं बंटते न...Read More

हुआ सवेरा...

by 4:09 PM
हुआ सवेरा ज़मीन पर फिर अदब से आकाश अपने सर को झुका रहा है कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं... नदी में अस्नान करके सूरज सुनहरी मलमल की पगड़ी ब...Read More
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