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दिल की बात लबों पर लाकर...

गाना / Song: Dil Ki Baat Labon Par La Kar Ab Tak Ham Dukh Sahte Hain
संगीतकार / Music Director: Ghulam Ali (गुलाम अली), मेहदी हसन (Mehdi Hassan), Munni Begum,  मुन्नी बेगम
गीतकार / Lyricist: Habib Jalib (हबीब जालिब)
गायक / Singer(s): Ghulam Ali (गुलाम अली), मेहदी हसन (Mehdi Hassan), Munni Begum,  मुन्नी बेगम












दिल की बात लबों पर लाकर, अब तक हम दुख सहते हैं|
हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं|

बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदली,
लेकिन इन प्यासी आँखों में अब तक आँसू बहते हैं|

एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं,
दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं|

जिस की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिस के लिये बदनाम हुए,
आज वही हम से बेगाने-बेगाने से रहते हैं|

वो जो अभी रहगुज़र से, चाक-ए-गरेबाँ गुज़रा था,
उस आवारा दीवाने को 'ज़लिब'-'ज़लिब' कहते हैं
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